उचित शिक्षा के महत्व

(on the importance of learning)

Francis Laleman

--

A much younger version of me, engaged in community co-designed play-based learning activities with marginalized communities in the Bihar/Jharkhand region — photo by mbroeckx

कई संस्थानों में लर्निंग एंड डवलपमेंट प्रोफ़ेशनल्स ऐसी अनेक बातें सिखाते हैं, जो बेहटर प्रदर्शन में मददगार होती हैं, लेकिन इसके लिए सीखने वाले व्यक्ति को खुद भी लगातार अभ्यास कर्ना होता है । अभ्यास से ही हम समय के साथ​-साथ उत्कृष्ट होकर पूर्ण रूप से विकसित होते हैं ।यहां महत्वपूर्ण है कि सीख्ने के प्रयास सही दिशा में हों । हमारे पूरे लर्निंग प्रोसेस का टर्गट आने वाले कल को बेहतर बनाने का होना चाहिये ।

कतरा दरिया में मिल जाए तो दरिया हो ज​ए
काम अच्छा वो जिसका मआल अच्छा हो

मिर्ज़ा गालिब की ये पंक्तियां कितनी सही है, कहा नहीं जा सकता । लेकिन यह सच है कि आज की सीखी हुई छोटी से छोटी बात भी हमारा भविष्य तय करती है । मनुष्य के आगे बढ़ने के लिए हर छोटे से छोटा प्रयास जरूरी होता है । क्या हम यह सोचते हैं कि अभिभावक, शिक्षक, प्रशिक्षक आदि ऐसे लोग जो हमारे अंतर्मन को प्रभावित कर हमें सीखने के लिए प्रेरित करते हैं । वे आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में सीखने के हरेक पहलू के महत्व के प्रति जागरूक हैं या नहीं । शायद इनमें से ज्यादातर ऐसे नहीं हैं । हमें अपने आसपास ठीक से देखने की जरूरत है । हम देख सकाते है कि कुछ अभिभवक बच्चों को अपनी तय सीमाओं में बांधे रखना चाहते हैं । जबकि कुछ कड़ी निगरानी में रखते हैं ।हम यह भी देखते हैं कि कुछ बच्चे अनौतिकता से भरे सागर में डूब जाते हैं । उनमें राष्ट्रीयता, मानवता और नागरिकता के प्रति अनादर का भाव ही होता है ।

--

--

Francis Laleman

a husband, father, painter, writer, educationist, designer, facilitator. author of “Resourceful Exformation” (a book on facilitation) available from Amazon.